तुम
सुबह का मधुर कलरव,
तुम
सांध्य में क्षितिज पर बिखरा सुर्ख रंग,
तुम
मंदिर में द्वैदीप्यमान दिये की प्रखर उज्वलता,
तुम
प्रसाद के लिए पंक्तिबद्ध बच्चों की निश्छल लालसा,
तुम
ठिठुराती सर्दी में अचानक खिली धूप,
तुम
जेठ की तपन के बाद बारिश का ठंडा बोसा,
तुम
समंदर की निर्बाध लहरों का अल्हड़पन,
तुम
तपोवन में ध्यानमग्न योगी का अविचल तप,
तुम
बिछड़कर मिलने का सुखद एहसास,
या
मेरे एकाकी मन का एक और अपूर्ण प्रतिबिम्ब
हो तुम|
13 ने कुछ कहा:
वाह! क्या बात है...बहुत सुन्दर है 'तुम'
गाफिल जी इस हौसला-आफजाई के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया!!!
आशीष भाई, बहुत ही प्यारी कविता लिखी है। बधाई।
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कभी देखा है ऐसा साँप?
उन्मुक्त चला जाता है ज्ञान पथिक कोई..
आशीष भाई, शायद आपने ब्लॉग के लिए ज़रूरी चीजें अभी तक नहीं देखीं। यहाँ आपके काम की बहुत सारी चीजें हैं।
मन की कोमल भावनाओं का सुंदर शब्द चित्र खींचा है.हर पंक्ति मन को छू गई.
मेरे एकाकी मन का एक और अपूर्ण प्रतिबिम्ब
हो तुम|
बहुत ही सशक्त विचार और औज़ से स्वर बोध और सौन्दर्य बोध से संसिक्त कविता .
वाह ....इस तुम का तो जबाब नहीं
डॉ. रजनीश, धन्यबाद | आपके द्वारा सुझाये उपाय मुझ जैसे अनाड़ी ब्लॉगर के लिए वरदान हैं | निश्चय ही मै उनमे से कुछ उपाय अपनाने जा रहा हूँ |
अरुण जी, आपके प्रशंसा भरे शब्द ही मुझे और लिखने को प्रेरित करेंगे|
veerubhai जी, इस उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद |
रेखा जी, धन्यवाद | आपकी प्रोफाइल तो ब्लॉगों का पिटारा है, आशा करता हूँ मेरे पढने हेतु कुछ अच्छे ब्लॉग मिलेंगे | बेहतर होगा अगर आप इस बारे में मेरा मार्गदर्शन करें और मुझे कुछ सुझाव दें|
वाह! क्या बात है...बहुत सुन्दर है 'तुम'
Ashish! I am no good at translation. But have tried my part. I loved some words. Nice reading your blog too ;)
You are
the dawn's sweet tweet
You are
the dusk's extended evening red
You are
the light the shrines glow with
You are
the transparent wish children have
You are
the sudden brightness in winter day
You are
the warm kiss after the prolonged heat
You are
the smoothness of ocean waves
You are
the unwavering attention of yogi
You are
the surprising joyful contact
You are
the imperfect image of my lonely mind
You are
vidhya जी धन्यवाद|
Ganesh,it's so nice to see you on my blog.And your translate is really sweet...I don't know what to say...I'm mesmerized!!!
P.S. Now I wish I could understand Tamil as you understand Hindi...I'm craving to read your Tamil blogs but....Alas!!
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