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October 25, 2011

कब मनाएंगे दीपावली?

दिवाली और धनतेरस की शुभकामनाओं के साथ,
 -अनाड़ी ASHISH


आज दीपावली है,  
सारा जग प्रकाशित है  
दीप श्रृंखलाओं से,  
अँधेरा मिटाने को  
हजारों दीपक जले हैं  

किन्तु अंतर्मन का क्या  
वहां तो अज्ञानता का तिमिर है,  
अविश्वास का घना कोहरा है  
और इर्ष्या की कालिख भी,  

मै सोच रहा हूँ ; क्या  
कभी हटेगी निराशा की बदली   
कब होगा ज्ञान का प्रकाश,  
कभी जल पायेगी सौहार्द की लौ  
कब घुलेगी प्रेम की मिठास,  

काश, ऐसा शीघ्र हो ;  
तब हर दिन मानेगी दिवाली,  
और मिट जायेगा इस जीवन से,  
धरा से, तम का निशान |  

1 ने कुछ कहा:

डॉ. मोनिका शर्मा said...

किन्तु अंतर्मन का क्या
वहां तो अज्ञानता का तिमिर है,
अविश्वास का घना कोहरा है
और इर्ष्या की कालिख भी

Sach hai ...hamara man bhi roushan.....

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